
परिचय
भारत अपनी परंपरा और आस्था के लिए दुनिया भर में जाना जाता है। यहाँ हर त्योहार का अपना अलग महत्व और तरीका होता है। इन्हीं में से एक प्रमुख और बहुत प्रसिद्ध पर्व है नवरात्रि। यह त्योहार साल में दो बार मनाया जाता है – चैत्र नवरात्रि (मार्च-अप्रैल) और शारदीय नवरात्रि (सितंबर-अक्टूबर)।
नवरात्रि के नौ दिनों में माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है, जिन्हें नवदुर्गा कहा जाता है। हर देवी का अपना अलग स्वरूप, पूजा विधि और महत्व है।
इस गाइड में हम जानेंगे:
- नवरात्रि की पूजा कैसे करनी चाहिए (स्टेप-बाय-स्टेप)
- नवरात्रि व्रत का महत्व
- नवरात्रि की कहानी और महत्व
- अलग-अलग राज्यों में नवरात्रि उत्सव
- नौ दिन और नौ रंगों का मतलब
- नवरात्रि की 9 देवियाँ और उनका आशीर्वाद
- नवरात्रि भजन-आरती और वैष्णो देवी दर्शन का महत्व
नवरात्रि पूजा कैसे करें?
नवरात्रि की शुरुआत घर की सफाई और कलश स्थापना से होती है। सही पूजा विधि से माँ दुर्गा की कृपा जल्दी प्राप्त होती है
स्टेप-बाय-स्टेप पूजा विधि
- सबसे पहले घर को साफ-सुथरा करें।
- पूजा के लिए लकड़ी या मिट्टी की चौकी लें, उस पर लाल कपड़ा बिछाएँ और माँ दुर्गा की मूर्ति या तस्वीर रखें।
- कलश स्थापना करें – इसमें जल, आम के पत्ते और ऊपर नारियल रखें।
- धूप-दीप जलाएँ और माँ को याद करें।
- हर दिन देवी की आरती करें और भोग लगाएँ।
- दुर्गा चालीसा, सप्तशती या भजन गाएँ।
- नौ दिनों तक नियमित रूप से व्रत और पूजा करें।
नवरात्रि व्रत का महत्व
व्रत (उपवास) केवल धार्मिक नहीं बल्कि स्वास्थ्य और मानसिक शांति के लिए भी लाभकारी है।
- शरीर शुद्ध होता है: व्रत से शरीर डिटॉक्स होता है।
- मन शांत रहता है: व्रत और भक्ति से मन में शांति और उत्साह बना रहता है।
- ध्यान में मदद: व्रत ध्यान (मेडिटेशन) में सहायक होता है।
- आध्यात्मिक लाभ: धार्मिक दृष्टि से माना जाता है कि व्रत से माँ दुर्गा जल्दी प्रसन्न होती हैं।
नवरात्रि व्रत रखने से धैर्य, संयम और आत्मविश्वास बढ़ता है।
नवरात्रि की कहानी – माँ दुर्गा और महिषासुर
कहा जाता है कि महिषासुर नामक राक्षस ने अत्यधिक शक्ति प्राप्त कर ली थी और देवताओं को परेशान करने लगा। तब सभी देवताओं की शक्ति से माँ दुर्गा प्रकट हुईं।
उन्होंने 9 दिनों तक महिषासुर से युद्ध किया और दसवें दिन उसका अंत किया। इसी कारण दशहरे को विजयादशमी कहा जाता है।
यह कहानी हमें सिखाती है कि चाहे बुराई कितनी भी बड़ी क्यों न हो, अच्छाई हमेशा जीतती है।
भारत में नवरात्रि उत्सव
- गुजरात: यहाँ गरबा और डांडिया की धूम रहती है।
- पश्चिम बंगाल: दुर्गा पूजा पंडाल सजाए जाते हैं और माँ दुर्गा की भव्य आराधना होती है।
- उत्तर भारत: रामलीला और दुर्गा चौकी का आयोजन होता है।
- जम्मू-कश्मीर: नवरात्रि में माता वैष्णो देवी के दर्शन का विशेष महत्व होता है। लाखों श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए यहाँ पहुँचते हैं।
नवरात्रि के नौ दिन और उनके रंग
दिन | देवी | रंग | संदेश |
1 | शैलपुत्री | पीला | खुशहाली और नई शुरुआत |
2 | ब्रह्मचारिणी | हरा | शांति और समृद्धि |
3 | चंद्रघंटा | धूसर | संतुलन और सुरक्षा |
4 | कुष्मांडा | नारंगी | ऊर्जा और उत्साह |
5 | स्कंदमाता | सफेद | पवित्रता और शांति |
6 | कात्यायनी | लाल | साहस और शक्ति |
7 | कालरात्रि | नीला | निडरता और सुरक्षा |
8 | महागौरी | गुलाबी | प्यार और दया |
9 | सिद्धिदात्री | बैंगनी | ज्ञान और अध्यात्म |
नवरात्रि की 9 देवियाँ और उनका महत्व
1️) शैलपुत्री माता

- पर्वतराज हिमालय की पुत्री।
- वाहन: बैल (नंदी), हाथों में त्रिशूल और कमल।
- शक्ति और मजबूती का प्रतीक।
2) ब्रह्मचारिणी माता

- हाथों में जपमाला और कमंडल।
- तपस्या और भक्ति का प्रतीक।
- पूजा से धैर्य, संयम और ज्ञान मिलता है।
3️) चंद्रघंटा माता

- सिंह पर सवार, माथे पर अर्धचंद्र।
- सभी भय और नकारात्मक ऊर्जा दूर करती हैं।
- पूजा से साहस और सुरक्षा मिलती है।
4️) कुष्मांडा माता

- ब्रह्मांड की सृष्टि करने वाली देवी।
- सिंह पर सवार, आठ भुजाओं वाली।
- पूजा से स्वास्थ्य, ऊर्जा और उत्साह मिलता है।
5️) स्कंदमाता

- भगवान कार्तिकेय की माता।
- सिंह पर सवार और गोद में कार्तिकेय।
- पूजा से परिवार में सुख-समृद्धि और शांति मिलती है।
6️) कात्यायनी माता

- ऋषि कात्यायन की तपस्या से प्रकट हुई।
- सिंह पर सवार, चार भुजाओं वाली।
- पूजा से साहस, शक्ति और विवाह में सफलता मिलती है।
7️) कालरात्रि माता

- काले रंग वाली शक्तिशाली देवी।
- वाहन: गधा, हाथों में खड्ग और कांटा।
- पूजा से बुरी शक्तियाँ और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती हैं।
8️) महागौरी माता

- सुंदर और गोरा स्वरूप।
- वाहन: बैल, हाथों में त्रिशूल और डमरू।
- पूजा से पाप नष्ट होते हैं, सुख-समृद्धि और शांति मिलती है
9️) सिद्धिदात्री माता

- चार भुजाओं वाली, कमल पर विराजमान।
- आठ सिद्धियाँ और नौ निधियाँ देती हैं।
- पूजा से आध्यात्मिक उन्नति, ज्ञान और सफलता मिलती है।
नवरात्रि और भक्ति का माहौल
- भजन और कीर्तन का आनंद अद्भुत होता है।
- दुर्गा चालीसा और आरती गाने से भक्तिमय वातावरण और मानसिक शांति मिलती है।
- परिवार और समाज में भक्ति का माहौल बढ़ता है।
नवरात्रि में वैष्णो देवी दर्शन

- कटरा, जम्मू में विशेष भीड़ रहती है।
- भव्य सजावट, आरती और भजन संध्या का आयोजन।
- लाखों श्रद्धालु माता के दर्शन करने जाते हैं।
निष्कर्ष
नवरात्रि केवल पूजा-पाठ तक सीमित नहीं है। यह पर्व हमें बहुत कुछ सिखाता है:
- बुराई चाहे कितनी भी बड़ी क्यों न हो, अच्छाई हमेशा जीतती है।
- व्रत से शरीर और मन दोनों शुद्ध होते हैं।
- धैर्य, भक्ति और साहस से जीवन की कठिनाइयाँ आसान हो जाती हैं।
- हर देवी का रूप जीवन में कोई न कोई सीख देता है।
- नवरात्रि के नौ दिन भक्ति, शक्ति, रंग और सकारात्मक ऊर्जा से भरे होते हैं।
नवरात्रि 2025 के दौरान इन गाइडलाइन और टिप्स का पालन करके आप माँ दुर्गा की कृपा आसानी से प्राप्त कर सकते हैं।